बारिश की बूंदों,सूरज की गर्मी और ठण्डी के घने कोहरे से निकलते हुए वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
वक्त की आस में,वक्त का आड़ लेकर ,वक्त बिताते
हुए....
खुद को आइने में देखकर ,थोड़ा और वक्त माँगता है....
पर वक्त को क्या,वो गुज़रता चला जाता है।।।
वक्त से मुँह मोड़कर,वक्त की तलाश करते हुए,वक्त के साथ कभी चलने की कोशिश न की.... .
ऐसे नाकामयाब लोगों के आलस और नकारेपन को देखते हुए वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
मैं अपनी क्या कहूँ,हर रोज जब सुबह खुद को देखता हूँ ,तो यही सोचता हूँ..........
कि अगली सुबह का वक्त अपना होगा,वक्त के पन्नों पर दस्तक देने वाला वक्त........
मेरे इन हवा में तैरते सपनो को दरकिनार करते और मुझ पर हँसते हुए,वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
वक्त की आस में,वक्त का आड़ लेकर ,वक्त बिताते
हुए....
खुद को आइने में देखकर ,थोड़ा और वक्त माँगता है....
पर वक्त को क्या,वो गुज़रता चला जाता है।।।
वक्त से मुँह मोड़कर,वक्त की तलाश करते हुए,वक्त के साथ कभी चलने की कोशिश न की.... .
ऐसे नाकामयाब लोगों के आलस और नकारेपन को देखते हुए वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
मैं अपनी क्या कहूँ,हर रोज जब सुबह खुद को देखता हूँ ,तो यही सोचता हूँ..........
कि अगली सुबह का वक्त अपना होगा,वक्त के पन्नों पर दस्तक देने वाला वक्त........
मेरे इन हवा में तैरते सपनो को दरकिनार करते और मुझ पर हँसते हुए,वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
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