जी,
हाँ। चंदर भी ऐसा ही था। औरों की तरह वो भी, पर... था बड़ा प्यारा लड़का। दिखने में लम्बा,चौंड़ा, हैंडसम नौजवान। भोलापन तो उसकी सूरत में झलकता था और स्वभाव में भी। पर शर्मीला बिल्कुल नहीं था। पास वाले पार्क में वो भी शाम को आता था,और कई बार तो साथ में वो लड़की भी, शायद गिर्लफ्रेंड ही होगी। घंटों वहाँ दोनों एक-दूसरे से गप्पे लड़ाते। मैं भी शाम के वक़्त सुकून की तलाश में पार्क में घूमने पहुँच जाता था। शायद उसे भी प्रकृति से लगाव ही था, जो रोज़ गिर्लफ्रेंड के ना आने पर भी पहुँच जाता था। धीरे-धीरे हमारी जान-पहचान हुई। फिर उसने बताया कि वो रीवा जिले के नईगढ़ी से था,और वो भोपाल के किसी मैनेजमेंट स्कूल से मार्केटिंग की डिग्री करने के बाद काम की तलाश में मुंबई आ गया। लगभग महीने भर भागम-भाग और बहुत मेहनत करने के बाद उसे नौकरी मिल गई, और वो काम भी मन लगाकर करने लगा। पर वो हमेशा so shortcut टाइप वाले तरीके ही ढूँढ़ता था,कि कैसे उसे मन मुताबिक काम मिले। इस तरह दो साल बीत गए। फिर भी वो लगा रहा। और बहुत सारी मल्टीनेशनल कंपनियों में इंटरव्यू भी दे डाले, पर कुछ नही हुआ। फिर एक दिन उसे किसी बड़ी mnc कंपनी की तरफ से मेल 📧 आया "" Congratulation,You are selected in my company as a marketing head""।अब तो जैसे उसकी सारी परेशानी ही ख़त्म हो गई थी,बहुत खुश था वो। अब तो गिर्लफ्रेंड से शादी भी करने वाला है। था तो बड़ा longcut पर so shortcut है ना भई😊😊😊❤
हाँ। चंदर भी ऐसा ही था। औरों की तरह वो भी, पर... था बड़ा प्यारा लड़का। दिखने में लम्बा,चौंड़ा, हैंडसम नौजवान। भोलापन तो उसकी सूरत में झलकता था और स्वभाव में भी। पर शर्मीला बिल्कुल नहीं था। पास वाले पार्क में वो भी शाम को आता था,और कई बार तो साथ में वो लड़की भी, शायद गिर्लफ्रेंड ही होगी। घंटों वहाँ दोनों एक-दूसरे से गप्पे लड़ाते। मैं भी शाम के वक़्त सुकून की तलाश में पार्क में घूमने पहुँच जाता था। शायद उसे भी प्रकृति से लगाव ही था, जो रोज़ गिर्लफ्रेंड के ना आने पर भी पहुँच जाता था। धीरे-धीरे हमारी जान-पहचान हुई। फिर उसने बताया कि वो रीवा जिले के नईगढ़ी से था,और वो भोपाल के किसी मैनेजमेंट स्कूल से मार्केटिंग की डिग्री करने के बाद काम की तलाश में मुंबई आ गया। लगभग महीने भर भागम-भाग और बहुत मेहनत करने के बाद उसे नौकरी मिल गई, और वो काम भी मन लगाकर करने लगा। पर वो हमेशा so shortcut टाइप वाले तरीके ही ढूँढ़ता था,कि कैसे उसे मन मुताबिक काम मिले। इस तरह दो साल बीत गए। फिर भी वो लगा रहा। और बहुत सारी मल्टीनेशनल कंपनियों में इंटरव्यू भी दे डाले, पर कुछ नही हुआ। फिर एक दिन उसे किसी बड़ी mnc कंपनी की तरफ से मेल 📧 आया "" Congratulation,You are selected in my company as a marketing head""।अब तो जैसे उसकी सारी परेशानी ही ख़त्म हो गई थी,बहुत खुश था वो। अब तो गिर्लफ्रेंड से शादी भी करने वाला है। था तो बड़ा longcut पर so shortcut है ना भई😊😊😊❤
No comments:
Post a Comment