Saturday 4 April 2020

प्रधानमंत्री मोदी जी का आह्वान-सकारात्मक ऊर्जा का संदेश(05/04/2020)



वर्तमान में इस महामारी (कोरोना) से  पूरा विश्व परेशान है.  चिकित्सक और वैज्ञानिक निरंतर शोध कार्यों में व्यस्त हैं,फिर भी इससे बचाव के लिए अभी तक कोई टीका या वैक्सीन इज़ाद नहीं हो पाई है.. ऐसे में लगभग सारे देशों की सरकारें अपनी कमर कस चुकी हैं, और लगातार सावधानीपूर्वक एवं योजनाबद्ध तरीके से इस भयानक युद्ध(महामारी) को लड़ा जा रहा है....ऐसे में वर्तमान भारत सरकार भी इस मामले में बहुत अच्छा काम कर रही है...लगभग 21 दिन का पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है..और जनता प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को भलीभांति समर्थन दे रही है... क्योंकि सावधानी के अलावा, कोई अन्य उपाय नहीं है इससे बचने का...और इस अभियान में सबसे ज्यादा हमारे देश के डॉक्टर,पुलिसकर्मी ,वैज्ञानिक,आर्मी और कई सामाजिक संगठन लगे हुए हैं...
इसी संदर्भ में पी.एम.मोदी ने देशवासियों से अपील की है, कि 5 अप्रैल को रात 9:00 बजे सिर्फ 9 मिनट के लिए अपने घर की लाइट ऑफ करके,अपने बालकनी,छत या दरवाजे के पास खड़े होकर मोमबत्ती या दिया जलाएं.. इससे एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा हम सब में... और इस लड़ाई को लड़ने में बल मिलेगा....और इस माध्यम से हम सब अपने घरों में रहने के बावजूद भी वैश्विक एकता का संदेश देंगे....कुछ एस्ट्रोलॉजर अपना तर्क यह भी देते हैं कि, पीएम मोदी यह काम 4 तारीख को भी कर सकते थे,रात 8:00 बजे भी कर सकते थे,लेकिन 5 तारीख को ही क्यों?रात में 9 बजे ही क्यों?सिर्फ़ 9 मिनट ही क्यों?..  क्योंकि 9  मंगल ग्रह का अंक है...इससे हमारी इम्यूनिटी पॉवर स्ट्रांग होगी,विकारों से लड़ने की क्षमता आएगी,will पॉवर भी स्ट्रांग होगा,और ऊर्जा की वृद्धि होती है..क्योंकि 9 दो बार है[9 बजे (9 मिनट के लिए) ]...तो इससे दोगुना असर पड़ेगा... और 5 तारीख़ को चंद्रमा सिंह राशि में है ( सूर्य का मतलब रोशनी,उजाला,प्रकाश,सकारात्मकता) इससे रोशनी जलाने पर चंद्रमा को ताकत मिलेगी...जिससे हमारे मन को ताकत मिलेगी..और मन शांत होगा..और सारे मानसिक विकार दूर होंगे..और अगर आप रोशनी जलाने के साथ-साथ मंत्रों का उच्चारण करते हैं....तो इससे साउंड एनर्जी भी भी उत्पन्न होगी...मतलब पूरी तरह से सकारात्मक असर पड़ेगा....इसलिए इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें.दिनांक और समय बिल्कुल नहीं भूलियेगा..05/04/2020 को रात 9:00 बजे सिर्फ़ 9 मिनट के लिए (सावधानी- कृपया अपने घर पर रहकर ही करें कहीं बाहर मत जाएं, और लॉक डाउन के नियमों का पालन करें)...धन्यवाद ❤🙏

पार्क वाली लड़की


रोज शाम जब मैं पार्क में टहलने जाता हूँ,वो  मिल ही जाती है..
एक प्यारी सी मुस्कान उसके खूबसूरत से चेहरे पर यूँ खिली रहती है,मानो सबकुछ फ़ीका पड़ जाए उसके सामने..
मैं हर शाम उसी को देखने जाता हूँ शायद,उसकी प्यारी सी मुस्कान से मिलने..
अब तो लगता है,जैसे उसकी मुस्कुराहट मुझे उसकी ओर खीचती है...
पता नहीं एक इंसान दूसरे इंसान के बारे में क्या सोचता है,पर मैं तो उसके साँवले से खूबसूरत चेहरे में खिलखिलाती हँसी के बारे में सोचता हूँ,उसकी हँसी से बातें करना चाहता हूँ..
पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचती है...
अरे वही पार्क वाली लड़की..

Monday 13 May 2019

माँ...तेरे जैसा कोई नहीं❤

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏❤

#selfmusing #selfwriting #❤🙏

"माँ", कहने को तो एक शब्द मात्र है... 
पर पूरी दुनिया का प्रेम सिमटा हुआ है इस शब्द में एक बच्चे के लिए...

इस ममतामई शब्द का प्रभाव जीव-जन्तु,जानवर, इंसान हर जगह देखने को मिलता है... 
कि कैसे एक माँ अपने बच्चों पर ममता लुटाती है,,सारे गम-सितम,पीड़ा सहते हुए...
उसकी नज़र में जीवनभर वो एक बच्चा ही रहता है....
यही सोचते हुए उसकी ख़ुद की आँखें पथरा जाती हैं...

सुबह-शाम जब कोई उसे खाना खाने के लिए आवाज़ देता है...
तो सबसे पहले यही पूछती है,मेरे बच्चे तुमने खाया.. 
बेबस-बूढ़ी आँखें जब लाचार होने लगती हैं,सभी कतराने लगते हैं...
तब भी उसकी ममता तनिक भी कम नहीं होती... 
पूरी दुनिया से लड़ने की हिम्मत रखती है, उस जिगर के टुकड़े के लिए... 
भले ही वो लाख गलत क्यों ना हो...
माँ अपने आप में एक दुनिया है, बच्चे के लिए...
इसीलिए माँ कहते ही,वो ममत्व और प्रेम निश्चल भाव से अंतःमन तक समा जाता है...❤🙏

Tuesday 30 October 2018

**So shortcut** a short story

जी,
हाँ। चंदर भी ऐसा ही था। औरों की तरह वो भी, पर... था बड़ा प्यारा लड़का। दिखने में लम्बा,चौंड़ा, हैंडसम नौजवान। भोलापन तो उसकी सूरत में झलकता था और स्वभाव में भी। पर शर्मीला बिल्कुल नहीं था। पास वाले पार्क में वो भी शाम को आता था,और कई बार तो साथ में वो लड़की भी, शायद गिर्लफ्रेंड ही होगी। घंटों वहाँ दोनों एक-दूसरे से गप्पे लड़ाते। मैं भी शाम के वक़्त सुकून की तलाश में पार्क में घूमने पहुँच जाता था। शायद उसे भी प्रकृति से लगाव ही था, जो रोज़ गिर्लफ्रेंड के ना आने पर भी पहुँच जाता था। धीरे-धीरे हमारी जान-पहचान हुई।  फिर उसने बताया कि वो रीवा जिले के नईगढ़ी से था,और वो भोपाल के किसी मैनेजमेंट स्कूल से मार्केटिंग की डिग्री करने के बाद काम की तलाश में मुंबई आ गया। लगभग महीने भर भागम-भाग और बहुत मेहनत करने के बाद उसे नौकरी मिल गई, और वो काम भी मन लगाकर करने लगा। पर वो हमेशा so shortcut टाइप वाले तरीके ही ढूँढ़ता था,कि कैसे उसे मन मुताबिक काम मिले। इस तरह दो साल बीत गए। फिर भी वो लगा रहा। और बहुत सारी मल्टीनेशनल कंपनियों में इंटरव्यू भी दे डाले, पर कुछ नही हुआ। फिर एक दिन उसे किसी बड़ी mnc कंपनी की तरफ से मेल 📧 आया "" Congratulation,You are selected in my company as a marketing head""।अब तो जैसे उसकी सारी परेशानी ही ख़त्म हो गई थी,बहुत खुश था वो। अब तो गिर्लफ्रेंड से शादी भी करने वाला है। था तो बड़ा longcut पर so shortcut है ना भई😊😊😊❤

Monday 22 October 2018

वक्त गुज़रता चला जाता है..

बारिश की बूंदों,सूरज की गर्मी और ठण्डी के घने कोहरे से निकलते हुए वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
वक्त की आस में,वक्त का आड़ लेकर ,वक्त बिताते
हुए....
खुद को आइने में देखकर ,थोड़ा और वक्त माँगता है....
पर वक्त को क्या,वो गुज़रता चला जाता है।।।
वक्त से मुँह मोड़कर,वक्त की तलाश करते हुए,वक्त के साथ कभी चलने की कोशिश न की.... .
ऐसे नाकामयाब लोगों के आलस और नकारेपन को देखते हुए वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।
मैं अपनी क्या कहूँ,हर रोज जब सुबह खुद को देखता हूँ ,तो यही सोचता हूँ..........
कि अगली सुबह का वक्त अपना होगा,वक्त के पन्नों पर दस्तक देने वाला वक्त........
मेरे इन हवा में तैरते सपनो को दरकिनार करते और मुझ पर हँसते हुए,वक्त गुज़रता चला जाता है..।।।

Friday 17 November 2017

Gopal समोसा वाला-an entrepreneur

एक बडी कंपनी के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थी, लंच टाइम मे अक्सर कंपनी के कर्मचारी वहाँ आकर समोसे खाया करते थे।

एक दिन कंपनी के एक मैनेजर समोसे खाते खाते समोसेवाले से मजाक के मूड मे आ गये।

मैनेजर साहब ने समोसेवाले से कहा, "यार गोपाल, तुम्हारी दुकान तुमने बहुत अच्छे से maintain की है, लेकिन क्या तुम्हे नही लगता के तुम अपना समय और टैलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो.? सोचो अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी मे काम कर रहे होते तो आज कहा होते.. हो सकता है शायद तुम भी आज मैंनेजर होते मेरी तरह.."

इस बात पर समोसेवाले गोपाल ने बडा सोचा, और बोला, " सर ये मेरा काम अापके काम से कही बेहतर है, 10 साल पहले जब मै टोकरी मे समोसे बेचता था तभी आपकी जाॅब लगी थी, तब मै महीना हजार रुपये कमाता था और आपकी पगार थी 20 हजार।

इन 10 सालो मे हम दोनो ने खूब मेहनत की..
आप सुपरवाइजर से मॅनेजर बन गये.
और मै टोकरी से इस प्रसिद्ध दुकान तक पहुँच गया.
आज आप महीना 40,000 कमाते है
और मै महीना 2,00,000

लेकिन इस बात के लिए मै मेरे काम को आपके काम से बेहतर नही कह रहा हूँ।

ये तो मै बच्चों के कारण कह रहा हूँ।

जरा सोचिए सर मैने तो बहुत कम कमाई पर धंधा शुरू किया था, मगर मेरे बेटे को यह सब नही झेलना पडेगा।

मेरी दुकान मेरे बेटे को मिलेगी, मैने जिंदगी मे जो मेहनत की है, वो उसका लाभ मेरे बच्चे उठाएंगे। जबकी आपकी जिंदगी भर की मेहनत का लाभ आपके मालिक के बच्चे उठाएंगे।

अब आपके बेटे को आप डाइरेक्टली अपनी पोस्ट पर तो नही बिठा सकते ना.. उसे भी आपकी ही तरह जीरो से शुरूआत करनी पडेगी.. और अपने कार्यकाल के अंत मे वही पहुच जाएगा जहाँ अभी आप हो।

जबकी मेरा बेटा बिजनेस को यहा से और आगे ले जाएगा..
और अपने कार्यकाल मे हम सबसे बहुत आगे निकल जाएगा..

अब आप ही बताइये किसका समय और टैलेंट बर्बाद हो रहा है ?"

मैनेजर साहब ने समोसेवाले को 2 समोसे के 20 रुपये दिये और बिना कुछ बोले वहाँ से खिसक लिये.......


Thursday 16 November 2017

the great Parle-G


जब हम छोटे थे तो सुबह चाय के साथ पारले जी बिस्किट खाया करते थे, और अपना पेट भर लिया करते थे, रोते थे तो हमारे पेरेंट्स बिस्किट का पैकेट दिलाते के लाते हैं और हम चुप हो जाते थे, या फिर कहीं सफर जाते हेैं तो स्टैण्ड पर चाय के साथ बिस्टिक का पैकेट लेते हैेंं और फिर उसे खाने के बाद ही सुकुन आता था।
आजकल बाजार में कई ब्रांड और स्वाद के बिस्किट मौजूद हैं और लोगों को पसंद भी हैं, लेकिन पार्ले-जी बिस्किट बहुत से लोगों को आज भी पसंद है ! हमारा टेस्ट चाहे बदल जाये लेकिन पार्ले-जी बिस्किट नहीं बदला !पर क्या आपने कभी एसा सोचा है की ये पैकेट पर किसकी फोटो लगी है, ये लड़की कौन है, आपको कभी भी ये ख्याल आया है की पार्ले-जी जबसे मार्किट में आई है तब से एक ही लड़की की फोटो लगी रही है !ये कोई और नहीं नीरू देशपांडे हैं नागपुर से. जब यें 4 साल किं थी तो इनके पापा ने इनकी एक तस्वीर खींची थी इनके पापा कोई फोटोग्राफर नहीं थे पर इन्होंने एक सुन्दर तस्वीर खींची थी जिसे पारले जी कंपनी ने अपने पैकेट के लिए चुना था  !अभी नीरू देशपांडे 65 वर्ष की हो गयी है और वे अभी महाराष्ट्र में रहती है ! किसी विज्ञापन में पहली बार ऐसा हुआ है की किसी बाल कलाकार की 60 सालो से एक ही तस्वीर लगी हुई है !कितने सालों बाद भी हम आजकल पारले जी बिस्कुट का आनंद लेते हैं। यह बिस्कुट का ब्रांड 60 के दशक का है और आज भी यह ब्रांड इंडिया का लोकप्रिय ब्रांड है

प्रधानमंत्री मोदी जी का आह्वान-सकारात्मक ऊर्जा का संदेश(05/04/2020)

वर्तमान में इस महामारी (कोरोना) से  पूरा विश्व परेशान है.  चिकित्सक और वैज्ञानिक निरंतर शोध कार्यों में व्यस्त हैं,फिर भी इससे बचाव के...